सुबह का समय, बनारस में, रूही का घर, सुबह के चार बजे चुके थे, रूही की सौतेली मां कुसुम, रूही के कमरे मे आती हैं और उस के ऊपर गरम पानी से भरी बाल्टी फेक देती हैं जब रूही को अपने शरीर पर दर्द महसूस होता है तो वह जल्दी से हड़बड़ाते हुए उठ जाती हैं और अपने बेड से बिलकुल चिपक के खड़ी हो जाती हैं। उस को बहुत ज्यादा दर्द हो रहा होता है उस के आंखो से अंशु बहे जा रहे होते है और उस का दर्द अनदेखा कर उस की सौतेली मां कुसुम उस के पास