देवाधिदेव

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शिव देवाधिदेव हैं.. वे देवो के देवता है। मनुष्यों के देव हैं, महादेव हैं। लेकिन वे दैत्यों के भी देवता हैं।हर असुर ने उनका पूजन किया, वरदान पाए। शिव ने भक्त भक्त में भेद नही किया। उसकी जाति नही देखी, रंग और पूजन पद्धति का भेद नही देखा। वे तो मानव और पशु का भी भेद नही देखते। तो पशुओं के भी देवता वही है, पशुपति हैं। ●●शिव चतुर और कुटिल चाणक्य नही हैं, वे तो भोलेनाथ हैं, औघड़ दानी है। शिव की महानता उनकी इसी साधारणता में है।हीरे- मोती- सिक्के और नोट नही जनाब, वे बेल के पत्तो में