वंश - भाग 10

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दस सुष्मिताजी अपने आवास के बाहरी कक्ष में पन्द्रह-बीस लोगों के साथ बैठी दूरदर्शन देख रही थीं। 'खोये हुए व्यक्तियों’ की सूचना चल रही थी। टी.वी. के पर्दे पर सामने जब एक गुमशुदा चेहरा आया तो सुष्मिताजी को एकदम बिजली का-सा झटका लगा। एक चौदह वर्षीया लड़की का फोटो था। सन्न रह गईं सुष्मिताजी। चित्र देखते ही एकाएक उसे पहचान नहीं पाईं। फिर भी वह चेहरा उन्हें अच्छी तरह से देखा हुआ लग रहा था। बहुत जोर डाला उन्होंने दिमाग पर, सोच-सोच कर परेशान-सी होने लगीं। यह मासूम और भोला-सा चेहरा कहाँ और कब देखा था उन्होंने। सुष्मिताजी आत्मकेन्द्रिता, घर-परिवार