अभय जो अब गुस्से भाव में था अब हैरानी से भर गया।वो आंशी के शव को देख दर्द की लहर दिल में उमड़ गया।वो पलट कर पीछे देखा तो सामने एक 44 साल की उम्र दराज औरत अपने हाथों में पिस्तौल लिए हुए खड़ी थी.अभय बेटा यहां आओ नहीं पिस्तौल पर फुक करते हूए ऐटिटूड से अभय माँ ये आपने क्या किया?.औरत- बेटा जो पहले कर देना चाहिए था वो आज हुआ चली गईं मनहूस...अभय आंशी के शव को बाहो में उठाकर... माँ आपने ठीक नहीं किया....किसका खामियाजा आपको भुगताना होगा.... औरत - हमें पता था तुम गिरगिट की तरह