मुस्कान होंठों पे सजाए रखना l जिगर में हौसला बनाए रखना ll एकतरफ़ा ही सही सिद्दत से l प्यार के रिसते निभाए रखना ll ग़मों से भरी जिंदगी में हर पल l मुहब्बत का जाम पिलाए रखना ll १६-६-२०२४ मौसम की पहली बारिस गिरते ही बिखर जाता हूँ l फिर यादों की बौछार आते ही संभल जाता हूँ ll आशिक बनकर बदनाम हो गया हूँ फ़िर भी आज l ख़्यालों में उनके एक तबस्सुम से निखर जाता हूँ ll पवन की लहरकी उनकी मदमाती अह्सास ले आई l फ़िज़ाओं में खुशबु की महक से सँवर