टोरंटो (कनाडा) यात्रा संस्मरण - 10

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डाॅ. सरन घई जी के जन्म दिवस एवं सेवा निवृति पर सप्रेम भेंट......शहर टोरेंटो ब्राम्टन.........शहर टोरेंटो ब्राम्टन, भारत का परिवेश।हमको यह अनुभव हुआ, नहीं लगा परदेश।। अनजाने इस देश में, अनजानी थी राह। मिले आपसे खुश हुये, वर्षों की थी चाह।।मैं परदेशी था यहाँ, अब अपनों के बीच।गले मिले हमसे सभी,दिया प्रेम को सींच।। प्रभु की कृपा अपार है, यहाँ दिखे भगवान। अपनेपन की चाह से, यहाँ बनेे मेहमान।।अनुरागी हैं सरन घई, खुशी हुयी भरपूर।रिद्धि सिद्धि गणपति यहाँ, करें कष्ट सब दूर।। पंद्रह जून की शुभ घड़ी, आती है