रूही को अपने लिए आवाज उठानी नही आती थी वो तो बस अपने ऊपर होने वाले सारे जुल्म सह कर भी चुप ही रह जाती थी। कोई भी उस के भोलेपन और मासूमियत का फायदा उठा सकता था। और क्योंकि उस की सौतेली मां कुसुम और सौतेली बहन रीना उस को मिले महीने के खर्च के रुपए जो रूही के पिता अमर अपने तीनो बच्चो को देकर जाते थे। वो भी उस से छीन लेते थे इसलिए वो कॉलेज की कैंटीन में पार्ट टाइम जॉब कर के अपना खर्चा निकाला करती थी, और इसी पैसों की कमी की वजह से