यादों की अशर्फियाँ - 9. दिवाली की छुट्टियां

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9. दिवाली की छुट्टियां नवरात्रि में खूब मज़ा करने के बाद परीक्षा हमारा इंतजार कर रही थी। मुझे मौखिक परीक्षा के बाद नसरीन टीचर की बहुत याद आई थी। उसकी जगह गौरव सर को संस्कृत विषय को सोंप दिया गया। सभी विषय के सिलेबस खत्म हो चुके थे। सामाजिक विज्ञान के विषय में भी ऐसा ही था। नीरज सर भी अपनी हंसी मजाक और ज्ञान अपने साथ लेकर स्कूल छोड़कर चले गए थे और उनकी जगह हेता टीचर यानी भूरी टीचर जिसकी हाईट लगभग गौरव सर की लंबाई से आधी होंगी। गौरव सर जितना जल्दी स्टाफ रूम से क्लास पहुंच