29 खोना इमरती को वो दिन याद आए, जब वो दसवीं कक्षा में पढ़ती थीं और मनोहर बारहवीं कक्षा में पढ़ता था । वे दोनों गॉंव के दूसरे बच्चो के साथ घूमते, खेतों की मुँडेर पर बैठे रहते, तालाब में तैरते और खूब मस्ती करते । एक दिन मनोहर का बारहवीं का रिजल्ट आया तो उसने कहा, “ इमरती मैं अब शहर जा रहा हूँ । वही से बी.ए. करूँगा । लेकिन छुट्टियों में गॉंव आता रहूँगा । यह सुनकर इमरती उदास हो गई, मगर मनोहर की आँखों में कुछ बनने के सपने को वह देख पा रही