नक़ल या अक्ल - 7

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7 स्वांग   कजल को पता ही नहीं चला कि  कब निहाल ने उसकी बात सुन ली और सुनकर  उस लगा  जैसे किसी ने उसको आईना दिखाया हो। नंदन उसे सांत्वना देकर  वहाँ से चला  गया। उसके जाने के बाद उसका परिवार  भी दिलासे देने लगा,  “कोई बात नहीं नन्हें,  इस बार नहीं तो अगली बार  सही। माँ ने उसके सिर पर  प्यार से  हाथ रखकर  कहा तो वहीँ बापू ने भी यही बात  दोहराई कि पहले “सेहत  ज़रूरी है,  बाकी सब तो बाद में  हो ही जायेगा।“ उसने किसी की बात का कोई ज़वाब नहीं दिया।    रात को