दिल की बातेँ होंठों पर आ गई तो क़यामत आ जाएंगीं l राज़ की बातेँ होंठों पर आ गई तो क़यामत आ जाएंगीं ll ग़र जाहिर हो गये जज़्बात ओ दिल तो कहाँ छुपोगे l रात की बातेँ होंठों पर आ गई तो क़यामत आ जाएंगीं ll पिछले दिनों मुलाक़ात में बहुत रंगीन वक्त गुज़रा l साथ की बातेँ होंठों पर आ गई तो क़यामत आ जाएंगीं ll महफ़िल में आमने सामने बैठकर निगाहों से पीए हुए l जाम की बातेँ होंठों पर आ गई तो क़यामत आ जाएंगीं ll मोहब्बत की आगोश में घिर कर