अध्याय 11 विश्वरूप दर्शन योगपिछले अध्याय में भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को अपने ऐश्वर्य के बारे में विभिन्न उपमाओं के माध्यम से बताया था। अंत में उन्होंने कहा था कि इस सृष्टि में जो कुछ भी है वह उनके तेज का एक अंशमात्र ही है। भगवान की महिमा का वर्णन सुनने के बाद अर्जुन ने श्रीकृष्ण से कहा कि आपकी महिमा का बखान सुनकर मेरा सारा मोह दूर हो गया है। मैं समझ गया हूँ कि आप ही इस सृष्टि का मूल हैं। आपके ऐश्वर्य के बारे में सुनने के बाद मेरी इच्छा है कि मैं आपके विराट रूप का