जब प्रत्यन्चा खाना खा चुकी तो उसने धनुष से सौहार्दपूर्ण शब्दों में कहा... "मैंने खाना खा लिया है,अब आप अपने कमरे में जा सकते हैं" "जो हुकुम महारानी साहिबा!", और ऐसा कहकर धनुष प्रत्यन्चा के कमरे से चला आया... वो जब अपने कमरे में पहुँचा तो तब भागीरथ जी जाग रहे थे और उन्होंने धनुष से सवाल किया... "बरखुरदार! कहाँ से आ रहे हो"? "जी! उस चुड़ैल को खाना खिलाने गया था,वरना रात भर भूखी पड़ी रहती"धनुष ने जवाब दिया... "सो खाया उसने या रुठी पड़ी है अब तक",भागीरथ जी ने पूछा... "मैं भी आपका पोता हूँ,उसे खाना खिलाकर ही