द्वारावती - 19

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19“यह हमारे कुलपति हैं।” अब्बू ने दो हाथ जोड़ दिए। गुल कक्ष को देखने लगी। “केशव ने मुझे सारी घटना बताई है। तुम मांसाहार का त्याग कर रहे हो, मछलियों का व्यापार भी छोड़ रहे हो। यह बात सुनकर प्रसन्नता हुई। किंतु अब काम क्या करोगे? परिवार का पालन कैसे होगा?” कुलपति के शब्दों से अब्बू आशंकित हो गए। “केशव ने कहा था कि आप मुझे…?” आगे शब्द नहीं सूझे उसे। “मैं क्या सहायता कर सकता हूँ?”“मुझे नहीं पता। मैं तो बस केशव के भरोसे आ गया।”“यदि मैं कोई सहायता ना करूँ तो?”“तो मुझे उस पर भरोसा है कि जिसने