पथरीले कंटीले रास्ते - 14

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  पथरीले कंटीले रास्ते    14 अभी तक आपने पढा ... बठिंडा के आंचल में बसे गाँव चक राम सिंह वाला का रविंद्र पाल सिंह बठिंडा कालेज से एम ए कर रहा था । साथ साथ प्रतियोगी परीक्षाएँ भी दे रहा था । आँखों में कई सुनहरे सपने झिलमिलाने लगे थे । एक दिन रोज की तरह वह रामपुरा बसस्टैंड पर उतरा । पानी पीने के लिए हैंडपम्प पर गया कि उसने देखा कि शैंकी और उसके दोस्त उसके दोस्त सरताज को घेर कर हाकियों , लाठियों से बुरी तरह से पीट रहे थे । रविंद्र ने टोका तो उन