लागा चुनरी में दाग़--भाग(२१)

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प्रत्यन्चा जब नींचे पहुँची तो विलसिया ने उससे कहा... "ई लो बिटिया! तुम्हार सामान,ठीक से देख लेव सब है ना! "मैं सामान बाद में देख लूँगी,पहले ये बताओ कि खाने में क्या बनाऊँ",प्रत्यन्चा विलसिया से बोली... "खाने का हम देख लेगें,तुम परेशान ना हो बिटिया!",विलसिया बोली.... "नहीं! काकी! तुम थककर आई हो,तुम आराम करो,खाने का मैं देख लूँगीं",प्रत्यन्चा बोली... "चलो! इस घर में कोई हमारी फिकर करने वाला तो आ गया,नहीं तो चाहे जितने थके होते हम ही को खटना पड़ता चूल्हे में",विलसिया बोली... "तो अब बता दो कि क्या बनाऊँ खाने में",प्रत्यन्चा ने पूछा... "बिटिया! तुम बड़े मालिक से