यादों की अशर्फियाँ - 5. पीरियड्स से पढ़ाई तक-1

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5. पीरियड्स से पढ़ाई तक-1 स्कूल की प्रार्थना में वो भक्ति कहा? स्कूल की प्रार्थना में सिर्फ आंखे बंद होती है लेकिन मन कहीं और भटकता है। जब आपको कोई ऐसा काम करना हो जिससे डर लगता हो तो मन विचलित ही रहता है। हमारी भी एसी ही हालत थी। प्रार्थना के बाद हमे गीत गाना था। सुनने में तो काफी आसान लगता है पर जब हमारी टांगे धीरेन सर के पास खड़ी होती है तो ऐसी कांपती है मानो भूकंप आया हो और दिल की धड़कन तेज़ हो जाती है। हर बार तो हमारी क्लास की गायिका को हम