"अम्मा की तबियत ठीक नहीं चल रही है, उम्र भी काफ़ी है। अस्पताल वालो ने घर भेज दिया है, बोल दिया है, सेवा करो!", माँ ने विवेक से घर का काम ख़त्म करते हुए कहाँ।"हाँ पता है मम्मी, मैं परसो अस्पताल मे देख कर आया था। अब उम्र भी उनकी ज्यादा हो चली है, वजन भी काफ़ी है। ऊपर से कोरोना की तीनो लेहरो मे वो हॉस्पिटल मे भर्ती रही। इन सब के बाद भी उन्होंने पता नहीं कितनी बार अपनी मृत्यु को स्थगित कर दिया था। ब्लड प्रेशर, शुगर ना जाने क्या-क्या दिक्कते वे कितने समय से झेल रही