अकेला हों जाना ही दुनिया की सबसे बड़ी सफलता हैं, और मैं दुनिया का सबसे सफल इंसान और जो अकेले पन से दूर भाग रहें हैं न वह सभी अपनी आदत खराब कर रहें हैं क्योंकि पहले और अंततः यानी कि आखिर में भी रहना तो उन्हें भी पड़ेगा तो अकेले हीं क्योंकि विज्ञान के हर नियमों में सभी से अधिक सिद्ध नियम जो ठैरा यही, अभी भी कहता हूँ कि अकेले हों जाने की आदत डाल लों क्योंकि जिसकी आदत हो जाती हैं न नियम यानी कि नियति अर्थात् हकीकत का विज्ञान कहता हैं की उसमें असुविधा नहीं होती