दरवाज़े पर किसी की दस्तक होती है। घर का नौकर दरवाज़ा खोलता है और कहता है " सलाम साहब ""अरे आप आज इतनी जल्दी " रुपाली जी ने कहा क्यूंकि दरवाज़े पर मौजूद शख्स हंसराज जी थे।हंशित और उसके दोस्त हंसराज जी को नमस्ते करते है ।हंसराज उनकी तरफ देखे बिना ही सर हिला देता है उन्हें उसके दोस्त पसंद नही है।"आपने बताया नही आज इतनी जल्दी कैसे आना हुआ और रजत कहा है " रुपाली जी ने दोबारा पूछा"आज हमें बहुत बड़ा प्रोजेक्ट मिला है रजत अभी दफ़्तर में है मुझे थोड़ी फ़ाइल लेना थी घर से और उन्हें