महारानी

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महारानी काली कलूटी महारानी के आगे रूपसी नीता हमेशा दबी रहती। घर में रौब चलता उसका....नीता सुबह उठ कर पति सेे राय लेती अवश्य थी कि क्या बनेगा? कब बनेगा... पर उसे पूरे अधिकार से निरस्त करती बाई और कोई तर्क भी काम नहीं आता। कामवाली उसके सामने ऐसे तर्क प्रस्तुत करती कि नीता निरूत्तर हो जाती। नीता बैंक में मैनेजर है समय पर पहुँचना उसका कर्तव्य है। इसलिये घर की व्यवस्था कामवाली को सौंपना उसकी मजबूरी, अक्सर वह बाहर जाती तब उन दिनों तक पति परिवार बच्चों को बाई के भरोसे छोड़ना पड़ता। छोड़ना तो उसका भ्रम था, वह