पछतावा - गलती या नासमझी...?

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ये कहानी है इंदौर में रहने वाले अनमोल यादव की, जो काम की तलाश में अपने कुछ दोस्तों के साथ इंदौर शहर आया था। उसने और उसके दोस्तों ने रहने के लिए मिलकर किराए पर एक कमरा ले लिया था।कुछ दिन कुछ कंपनियों मे इंटरव्यू देने के बाद आखिरकार उसकी एक प्राइवेट कंपनी मे जॉब लग ही गई।अनमोल की स्टार्टिंग सैलेरी 15 हजार रूपये महीना थी। अनमोल ने जॉब मिलते ही अपने मम्मी पापा को फोन करके इस बारे मे बताया। उसके मम्मी पापा भी ये जानकर बहुत खुश थे की उनके बेटे की नौकरी लग गई है।अनमोल को कंपनी