पागल - भाग 29

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भाग–२९ राजीव और मेरा रिश्ता तय हो चुका था। मैं खुश भी थी लेकिन उदास भी ,, खुश इसलिए की मेरा सपना पूरा हो रहा था , और उदास इसलिए कि एक साल बाद मुझे इस सपने को जीना छोड़ना होगा। मिहिर की शादी के साथ ही मेरी शादी भी फिक्स कर दी गई उसी तारीख पर और उसी मंडप में। हम सभी लोग यहां से पूरी तैयारी के साथ ,राजस्थान पहुंच गए क्योंकि मिहिर ने डेस्टिनेशन वेडिंग प्लान किया था। मिहिर और राजीव के मेहमानों में कुछ तो कॉमन थे । हमारे मेहमानो में से बहुत खास लोगों को