यादों की अशर्फियाँ - 1 - वेलकम टू किशोर विद्यालय

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1. वेलकम टू किशोर विद्यालय किशोर विद्यालय, याद करते ही आंखो के सामने खड़ी हो जाती है वह खूबसूरत गुलाबी इमारत, जिसके सामने न जाने कब से खड़ा हुआ नीम का घना पेड़। उस पेड़ पर लगा वह घंट जो छूटी होने पर हमे अवर्णनीय खुशी देता पर जब वह आखरी बार बजा तो जेसे कान सुन रह गए। उस घंट ने जेसे हमारी स्कूल से हररोज मिलने की आदत,चाह और आनंद को छीन लिया। उस पेड़ के नीचे पार्क की हुई टीचर-सर के वाहन, घर तक पहुंचाती मस्ती की वह पीली दो स्कूल बस और सामने लगी हुई, आर्मी