पहली मुलाक़ात जैसे ही मैंने फोन रखा था मुझमें एक अलग ही उत्साह था। मेरा चेहरा एक अलग ही परिभाषा कहने को बेताब था। मेरी चाल में हर तरह का रंग देखने को मिल रहा था। कोई भी मुझे देखकर यह कह देता कि मैं नोर्मल से कुछ अलग ही व्यवहार कर रहा हूँ। एक-एक दिन मेरे लिए बिताना थोड़ा मुश्किल हो रहा था। मैं जब कोयल को फोन करता था तो वो ये कहके फोन रख देती थी कि सारी बातें अभी ही खत्म कर दोगे तो मिलने पर क्या बात करोगे? मैं चाहता था कि उससे बात ही