एक अधूरी प्रेम कहानी: - नादान प्रेमसिर्फ यादें बनकर रह गई... तब हमारे गाँव के पास में कॉलेज नही थाl इस कारण मैं पढ़ने के लिए में शहर आया था। यह किसी रिश्तेदार का एक कमरे का मकान था। बिना किराए का था। आस - पास सब गरीब लोगो के घर थे। और में अकेला था, सब काम मुझे खुद ही करने पड़ते थे। खाना - बनाना, कपड़े धोना, घर की साफ़ - सफाई करना।कुछ दिन बाद एक गरीब लडकी अपने छोटे भाई के साथ मेरे घर पर आई। आते ही सवाल किया "तुम मेरे भाई को ट्यूशन दे सकते