साथिया - 84

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निशांत की नींद खुली तो नजर घड़ी पर गई जो की ग्यारह बजा रही थी। उसका भी सिर दर्द कर रहा था क्योंकि उसने कल रात कुछ ज्यादा ही पी ली थी। कल रात की घटना याद आते ही उसके चेहरे पर भी फिर से गुस्सा आ गया। वह उठा और सीधा बाथरूम में चला गया। आधे घंटे बाद जब बाहर निकला तो अपने बेड पर आकर वापस गिर गया। "ठीक है अब अवतार तो यहां से चले गए अब सांझ की जिंदगी का फैसला मैं करूंगा। ऐसी सजा मिलेगी उसे की अब कोई भी इस तरीके की हरकत करने