मकान के ठीक सामने बडा सा टेंट और दावत में शामिल हजारों आदमी,मन भावन भोजन। अचानक घर के अंदर आ गया मैं।,, बेटे इतना बडा इंतजाम करने की क्या आवश्यकता थी,,। मां ने मेरे पास आते हुए कहा,, मां, छोटे भाई की शादी रोज रोज नही होती,,।,, लेकिन बेटे इतना खर्च,,।,, मां, मैं नही चाहता कि छोटे को यह लगे कि अगर पिता जी जिंदा होते तो,,। कहते कहते पलके भीग गई मेरीदावत का और शादी का काम ठीक ठाक निपट गया, नई दुल्हन के आने पर मैं और मेरी पत्नी सहित मां भी खुश।धीरे धीरे समय बीतने लगा, भाई