परीक्षित पांडव अर्जुन के पौत्र तथा उत्तरा के गर्भ से उत्पन्न अभिमन्यु के पुत्र थे। ये पांडुकुल के प्रसिद्ध योद्धा थे। हस्तिनापुर इनकी राजधानी थी और ये एक सार्वभौम सम्राट तथा भागवतों में अग्रगण्य थे।सुभद्रा पुत्र अभिमन्यु की पत्नी महाराज विराट की पुत्री उत्तरा गर्भवती थी। उसके उदर में पांडवों का एकमात्र वंशधर था। अश्वत्थामा ने उस गर्भस्थ बालक का विनाश करने के लिये ब्रह्मास्त्र का प्रयोग किया। भयभीत उत्तरा भगवान श्रीकृष्ण की शरण में गयी। भगवान ने उसे अभयदान दिया और बालक की रक्षा के लिये वे सूक्ष्म रूप से उत्तरा के गर्भ में स्वयं पहुँच गये। गर्भस्थ शिशु