आज भी तेज बारिश थी। मगर वो आज मेरे साथ नही थी। लेकिन इस तेज बारिश में गिरती बूंदों का मिट्टी में मिलकर महकना ठीक वैसा ही है जैसा मेरा उसके प्यार में महकना सुबह के 7 बजे थे। आज मुझे बाजार कुछ काम से जाना था ,, बाजार घर से 15 किलोमीटर दूर था। मैं अहमदाबाद के एक पॉश इलाके में रहता था। वहां सभी चीजें काफी महंगी मिलती थी। इसलिए मैं कुछ सस्ते वाले बाजारों से जाकर सामान खरीद लिया करता था । जिसे यहां लाल दरवाजा , कालूपुर मार्केट कहते थे। ऐसे और भी कई बाजार थे