कविता और कहानियाँ

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आरुष कक्षा पाँच में पढ़ता था । वह पढ़ने में बहुत ही होशियार था, किन्तु उसे कविता और कहानियों में रुचि नहीं थी । उसकी रुचि विज्ञान और गणित में थी । बाकी अन्य विषयों का भी उसे अच्छा ज्ञान था । प्रार्थना स्थल पर जब उससे कहानी या कविता वाचन के लिए कहा जाता तो वह मौन हो जाता । सभी अध्यापक और बच्चे उसकी हँसी उड़ाते । अपनी हँसी होते हुए देखकर उसे बहुत बुरा लगता और मन ही मन खीज भी होती, किन्तु वह किसी से कुछ नहीं कहता । दिन बीतते गये । कुछ दिनों बाद