माफी - भाग 2

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,, चिंता मत करो, सुधा जी मैं आपके लिए सुमेश का कहीं से भी तलाश करके लाऊंगा,,। धीमी चाल से चलते हुए पंकज ने कहा।,, लेकिन बेटे मेने अभी बताया है कि सुमेश, यह शहर छोड़कर हमेशा के लिए कहीं जा चुका है,,। सुधा के पापा ने अपने प्रत्येक शब्द पर जोर देते हुए कहा।।,, यह आपने कहा और मैने मान भी लिया, लेकिन,,। पंकज ने कहना चाहा, लेकिन राम दयाल ने आंखों से ईशारा करके पंकज को रोक दिया। इसी के साथ रामदयाल खड़ा हो कर रूम से बाहर जाते हुऐ,, मैं अभी आता हूं,,। पंकज समझ गया कि