मुझे न्याय चाहिए - भाग 14

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भाग -14 कुछ दिन बाद जब लक्ष्मी को कुछ समझ नहीं आया तो उसने मन बना लिया कि आज चाहे जो हो जाय, वह  रुक्मणी जी से बात कर के ही दम लेगी. इसलिए अगली सुबह जल्दी उठकर नहा धोकर काम के लिए निकल गयी. वहाँ पहुंची, तो वहाँ भी सभी ने उसे देखकर यही कहा कि ‘अरे लक्ष्मी काकी, आज सुबह सुबह इतनी जल्दी ?’ लक्ष्मी ने कुछ भी बहाना बना दिया कि शाम को घर जल्दी जाना है, बेटी को देखने वाले आरहे हैं. वगैरा -वगैरा. रुक्मणी जी की बहू जब से माँ बनी है तब से अब