सर्दी के मौसम में कड़ाके कि ठंड में रात के 2:00 बजे अपने दोस्त की बहन की शादी से घर वापस लौटते वक्त शिवा की गाड़ी बेकाबू हो जाती है। उसे ऐसा महसूस होता है कि अपनी गाड़ी वह खुद नहीं चल रहा बल्कि कोई और 120 की गति से दौड़ा रहा है और कुछ ही मिनटों में उसकी गाड़ी बस ट्रक आदि वाहनों से भरे यानी की भीड़ भाड़ वाले हाईवे रोड़ को छोड़कर सुनसान बाबुल के पेड़ों के जंगलों से गुजर रही कच्ची सडक पर पहुंच जाती है और अमावस्या की अंधेरी रात में सर्दी के मौसम कि