लागा चुनरी में दाग--भाग(३)

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प्रमोद मेहरा जी को खामोश देखकर उस लड़की के पिता बोले..... "बेटी! इनकी बात सही है,पहले ये आए थे ताँगे के पास" "तो क्या हुआ,लेकिन हम लोग जाऐगें इस ताँगे पर",लड़की बोली... "बेटी! जिद़ नहीं करते ,ये बाबू साहब परदेशी मालूम पड़ते हैं,पहले इन्हें जाने दो",लड़की के पिता बोले... "नहीं! कोई बात नहीं! अगर आपकी बच्ची इसी ताँगे से जाना चाहती तो आप लोग ही पहले चले जाइए",प्रमोद मेहरा जी बोले... "वैसे आपको कहाँ जाना है"?,लड़की के पिता ने पूछा... "जी! सिंगला गाँव जाना था",प्रमोद मेहरा जी बोले... "अरे! हम लोग भी वहीं जा रहे हैं,तो फिर दिक्कत वाली कोई