कमला कोई साध्वी या विरहणी नही थी।वह एक आम नारी थी।दूसरी औरतों की तरह हाड़ मास का पुतला।जैसे दूसरी औरतों को सेक्स की भूख होती है।वह भी पुरुष संसर्ग चाहती थी।औऱ इस काम के लिए औरत को एक मर्द की जरूरत होती है।कमला के पास मर्द था।उसके पास तारा था।तारा हुष्ट पुष्ट और बलिष्ठ था।लेकिन नामर्द था वह कमला की भूख को जगा तो सकता था लेकिन शांत नही कर सकता था।उसे उतेजित कर सकता था लेकिन उतेजना को मिटा नही सकता था।कमला को तारा पसंद था।उसे उससे कोई शिकायत नही थी।वह उसी की रहना चाहती थी।पर अपनी भूख के