ब्रम्हशिर - पार्ट 3

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कालः द्वापरयुग जब पितामह ब्रह्मा ने सृष्टि का निर्माण किया तब ब्रह्मा जी ने मृत्यु का प्रावधान नहीं किया था परिणाम स्वरूप सृष्टि का विस्तार होता गया क्योंकि इस संसार में जिसने जन्म लिया उसकी मृत्यु नहीं हुई। जिससे पृथ्वी पर प्राणियों की संख्या बढ़ती गई और पृथ्वी पर भार बढ़ता गया जब पृथ्वी को यह भार असहनीय होने लगा तब पृथ्वी देवताओं को साथ लेकर महादेव जी के पास गईं और महादेव जी उनको साथ लेकर पितामह ब्रह्मा जी के पास गए और महादेव जी ने ब्रह्मा जी से कहा त्वद्भव हि जगन्नाथ एतत स्थावरजड. गम। प्रसाद्यत्वा महादेव याचाम्यावृत्तिजाः