एपिसोड १० काळा जादू विलासराव ने एक बार फिर इधर-उधर देखा, काले साँप जैसा अँधेरा और बुलबुल की चहचहाहट के अलावा बाहर कुछ भी नहीं था। विलासराव ने दोनों हाथों से खिड़की की एक झपकी लेकर खिड़की बंद कर दी। उसने आह भरी और फिर से अपने कमरे की ओर चलने लगा, जब वह रसोई के दरवाजे पर पहुंचा, तो उसे फिर से खिड़की खुलने की आवाज सुनाई दी। एक पल के लिए वह अपनी जगह पर ठिठक गया। धीरे से वह पीछे मुड़ा और एक खुली खिड़की देखी। तभी विलासराव एक बार फिर खिड़की के पास पहुँचे और बाहर