द्वारावती - 6

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6गुल ने उसे जाते देखा। वह सो गया था। शांत हो गया था। सोते हुए उत्सव के मुख पर कोई भाव नहीं थे। कोई चिंता नहीं थी। पूर्ण रूप से सौम्यता थी। ‘कितना अशांत था, व्याकुल था यह युवक! और अब निंद्रा के अधीन कितना शांत!’‘क्या कारण होगा उसकी अशांति का? क्यों वह मुझसे मिलना चाहता था?’‘चाहता था? था नहीं, है। वह तुम्हें मिला ही कहाँ है? बस आया, भोजन किया और सो गया। वह अभी भी तुम्हें मिलना चाहता है, गुल।’ ‘संभव है कि पेट की भूख शांत होने के पश्चात वह तुम्हें मिले ही नहीं। तुम्हें ही भूल