द्रोहकाल जाग उठा शैतान - 47

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एपिसोड ४७□□□□□□□□□□ʼ□□□ महाराज, रघुबाबा-संतयारवशी प्रधान, सब तंबू में बैठे थे। रघुबाबा उन्हें झुग्गी की यक्षिणी विद्या से लेकर तहखाने की घटना तक सब कुछ बताते थे। वह सब सुनकर महाराज के साथ-साथ प्रधानजिनी भी आश्चर्यचकित रह गये। वे इस अद्भुत बात को जानते थे कि इस धरती पर मानव तर्क से परे क्या मौजूद है..वे यह जानते थे और जब वह अशोभनीय ध्यान रहजगढ़ के निवासियों को उनके टेढ़े शरीर की दृष्टि सहित इस खतरे से अनजान बनाने वाला था। तब क्या प्रतिक्रिया होगी उन सभी में से? क्या कोई गाँव छोड़ने की तैयारी कर रहा होगा? तो फिर इससे