यशवन्त कोठारी आपने सुनी और पढ़ी होगी रहीम की पंक्ति “चन्दन विष व्यापत नही”, लिपटे रहत भुजंग,”या किसी को चन्दन - सा बदन कहकर पुकारा होगा। भारतीय संस्कृति, साहित्य चन्दन चन्द्रमा और कमल के बिना अधूरा है। क्या आपने कभी चंदन के वन की सैर की है ? रहीम दास जी क्षमा करें यहां पर कहीं भी भुजंग नहीं लेकिन चन्दन वन की खुशबू, सुगन्ध और मलयानिल की गंध से कौन बच सका है। आइए चन्दन के बारें में कुछ और जानकारी ले। मलयालम, संस्कृत और हिन्दी भाषा मे इसे चन्दन कहते हैं।कन्नड़ में श्रीगन्धा और गुजराती में सुकेत। वनस्पति