शैतानों की दुनिया बेलापुर गांव में करीब ८००–९०० लोगों की बसती थी। अनाज कपड़े या कोई भी सोने चांदी की चीजे खरीदने के लिए और खेती के अलावा के काम धंधे के लिए गांव वालों को गांव से शहर ही जाना पड़ता था। गांव से शहर जाने का केवल एक ही रास्ता था जो कि जंगल से होकर गुजरता था। रात के समय उस जंगल में कोई जाता नहीं था क्योंकि पूरे गांव में ये दहशत फैली हुई थी कि जंगल में रात के वक्त शैतान और बुरी आत्माओं का मेला लगता है। पूरी रात जंगल में शैतान ऐसे घूमते