चांदनी तो मुझे शाय़द समझना ही नहीं चाहती थी उसे शायद प्यार ही नहीं था।यश ने कहा हां, पर क्या मां ने आपसे समझौते का प्यार किया था पापा??बिमल ने कहा अरे ये तो पुरी कहानी सुनने के बाद ही समझ जाओगे कि समझौते का प्यार या अनोखा प्रेम या मिसाल देने वाला प्यार।।क्या समझौते का प्यार नहीं होता हैये तो प्यार है बस हो जाता है और फिर रहा नहीं जाता कुछ कहा नहीं जाता।।इन्सान के वश में कहां कुछ होता है वो तो बस हो जाता है ,खो जाता है,खो जाता है, ये कहते हुए बिमल रो पड़े।रिचा