दिशा हमेशा सही और सटीक होनी चाहिए चाहे मंजिल कितनी ही दूर क्यों न हो। सही दिशा की तरफ जाते हुए अपनी भावनाओं को, अपनी संवेदनाओं को ,कुछ समय के लिए पहले दु:ख ,तकलीफ ,मुसीबत, निराशा हो सकती है। लेकिन आखिरकार सही राह पर ,सही दिशा में चलते हुए ही इंशान तिमिर को भी उजाले मे परिवर्तित करने की क्षमता रखता है।इंसान चाहे तो क्या नहीं कर सकता, अपने आंतरिक शक्ति को जागृत करते हुए वह असंभव कार्य को भी संभव कर सकता हैं।जिसमें हौसला है, जज्बा है , हिम्मत है बस उसे देखने की जरूरत है ।अपने आंतरिक भाग