अन्धायुग और नारी - (अन्तिम भाग)

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विम्मो सोलह सत्रह साल की हुई तो उसे किसी पड़ोसी की शादी में सतपाल ने देखा और पसंद कर लिया,सतपाल भी बिन माँ बाप का बच्चा था,उसे उसके भाई भाभी ने पालपोसकर बड़ा किया था,उसके भाई भाभी के कोई सन्तान नहीं थी इसलिए वो दोनों सतपाल से बहुत प्यार करते थे, फिर मेरी विम्मो उनके घर बहू बनकर गई तो सतपाल की भाभी फुलमत ने उसे अपनी पलकों पर बिठाया,उसे बहुत प्यार दिया,सतपाल तो उसे प्यार करता ही था साथ में फुलमत भी विम्मो को बहुत चाहने लगी,अभी विम्मो के ब्याह को छः महीने ही बीते थे कि एक शाम