द्रोहकाल जाग उठा शैतान - 35

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एपिसोड ३५नाग्या, रुष्य-भुष्य, चिन्त्या, चार बच्चे घर वापस जाते समय जंगल में बड़े पेड़ों के बीच से रास्ता बनाते हुए निकले। चारों लोगों के कंधों पर दरारें थीं और दोई पर चांद नजर आ रहा था सत्र थोड़ी देर के लिए रोक दिया गया क्योंकि लोग एक-दूसरे को माँ से लेकर माँ तक कोस रहे थे, उन्हें रात के समय कीड़े-मकौड़ों के भिनभिनाने की आवाज़ें सुनाई दे रही थीं और कभी-कभी पेड़ों और झाड़ियों में सरसराहट हो रही थी। - कभी-कभी उस झाड़ी से साँप या चूहे निकल आते थे .सांप देख ले तो सबकी आंखें फटी की फटी रह