कल्पना से वास्तविकता तक। - 16

  • 993
  • 267

अगर आप इस धारावाहिक को पूरा पढ़ना चाह्ते हैं, तो आपको हमारी प्रोफाइल पर इसकी पूरी सीरीज शुरुआत से मिल जाएगी।.... अगर हमारे मन में किसी भी चीज़ को पाने या किसी भी कार्य को करने की इच्छा प्रबल है तो उस तक पहुंचने के रास्ते भी बन ही जाते हैं। मंजिल मिलने के बाद फर्क नहीं पड़ता कि रास्ता कितना बड़ा था क्यूंकि तब हमें उम्मीद होती है कि आखिर में ये रास्ता हमें मंजिल तक पहुंचा ही देगा। जग्गू ने भी सच ही कहा है कि “कुछ मन्नतों से भी मिल जाए तो अच्छा ही होगा ,बिन मिले