हम कथा सुनाते राम सकल गुणधाम की,ये रामायण है पुण्य कथा श्री राम की।।श्लोक – ॐ श्री महागणाधिपतये नमः,ॐ श्री उमामहेश्वराभ्याय नमः।वाल्मीकि गुरुदेव के पद पंकज सिर नाय,सुमिरे मात सरस्वती हम पर होऊ सहाय।मात पिता की वंदना करते बारम्बार,गुरुजन राजा प्रजाजन नमन करो स्वीकार।।इस की प्रथम लाइन में प्रभु श्री राम जी के समस्त जीवन और उनके कुल की कथा है जो हम आपको सुनाने जा रहे हैं।सकल यानी समस्त कुल के गुणों की प्रशंसा बताने की बात की हैं जो की इस सुंदर भजन के माध्यम से बताया गया है,इस छोटे से भजन के माध्यम से पूरी रामायण बताई