द्रोहकाल जाग उठा शैतान - 18

  • 861
  • 291

एपिसोड १८ "मेघा...!...मेघा!" युवराज सूरज सिंह ने मेघा को आवाज देते हुए कहा। लेकिन वह उन विचारों में इतनी खोई हुई थी कि उसे पता ही नहीं चला कि युवराज उसे आवाज दे रहा है। आखिरकार जब युवराज ने उसके दोनों कंधों पर हाथ रखकर उसे हिलाया, तो वह विचार चक्र टूट गया। कांच की तरह, और वह होश में आ गई... "व्हाट अरे!" मेघावती ने बिना समझे कहा। लेकिन ऐसा कैसे हो सकता है कि सात साल के प्रेम में भी राजकुमार को वही स्वभाव न मालूम हो, बताओ? जब हम किसी ऐसे व्यक्ति से प्यार करते हैं जो