मैं कौन हूँ?

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1.ईमानदारी से बड़ा फलएक सुभाकी नामक गाँव में शान्तनु और उसकी बूढ़ी काकी रहते थे। काकी बहुत ही समझदार थी और शान्तनु को सदैव सच्चाई और ईमानदारी का पाठ पढ़ाती रहती थी। जिसका नतीजा यह हुआ कि शान्तनु जब थोड़ा बड़ा हुआ तो वह छोटा-मोटा काम करने लगा।एक दिन वह मेले में गया तो देखा कि रास्ते में एक बड़ा सा पैकेट पड़ा है-, "अरे! ये क्या? लगता है, किसी का गिर गया होगा। चलो पास ही एक घोषणा कर देता हूँ।" ऐसा सोचकर वह जहाँ माइक से घोषणाएँ हो रही थीं, उनके पास जाता है और कहता है-, "सुनिए!